Monday, December 3, 2012

ये बेटियां




छोड़ के ये सब ताल तलैया
कल तुझको उड़ जाना है
जिन बागों में खेली कूदी
वो सब तो बेगाना है
याद मुझे सब होली दीवाली
खेल खिलौने हंसी ठिठोली
गुड्डे गुड़िया की वो शादी
आज हकीकत में है बदली
कल जब तेरा होगा जाना
हो जाएगा आंगन सूना
चुपके चुपके याद में तेरी
रोएगा घर का हर कोना
याद करेगा भैया तुझको
गुड़िया तेरी याद करेगी
पिता तो पत्थर रख लेगा पर
माँ तुझको ही याद करेगी
बेटी तो सदा पराया धन
जा तुझको सुखी संसार मिले
बस दुआ इतनी सी है
इस घर से भी ज्यादा प्यार मिले

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